Friday, September 09, 2005

6- हाइकु

आँखें हैं झील
किश्तियाँ, मछलियाँ
यादें ही यादें ।


***
छोटी गली में
खो गया है अपना
बड़ा सपना ।


***
वर्षा बौछार
भीगे घर आँगन
और मैं भी तो ।


***

बौराई मैना
बतियाते दरख्त़
मौसम चुप ।


***
कोमल बड़े
तुमसे जुड़े तार
रेशमी रिश्ते ।


***
कहा नदी ने
किनारे थे बहरे
हवा में बात ।
***

-डॉ० शैल रस्तोगी

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